तुम्ही हो ब्रह्मा, तुम्ही हो विष्णु,
तुम्ही तो निर्बीज महादेव हो।
राजोगुन भी हो, तमोगुणी भी,
शुक्लवर्णी सत्वगुणी तुम्ही हो।
तुम्ही सृजन, संहार तुम्ही से,
सृष्टि तुम्हारी, प्रजा तुम्हीं से।
रिक, यजू औ सामवेद तुम्ही से,
वेद तुम्ही हो, योग तुम्ही से।
ब्रह्मरूप, आनंदस्वरुप,
तुम त्यागरूप, कल्याणरूप हो।
सिद्ध हो तुम, सर्वज्ञ तुम्ही हो,
मोक्षरूप रूद्रदेव तुम्ही हो।
गुरु तुम्हीं हो, पिता तुम्ही हो,
अर्धनारीश्वर, मात तुम्ही हो।
अ - कार, उ - कार, म- कार तुम्ही हो,
ओंकारमूर्त, प्रणव तुम्हीं हो।
श्वेत हंस रूप ब्रह्मा को,
वराह रूप वृहद विष्णु को,
ओंकार नाद से, लिंगरूप में,
ज्ञान दिया जो, महेश्वर तुम्ही हो।
हिमलिंग तुम, ऊर्ध्वलिंग तुम,
व्योम व्याप्त शिवलिंग तुम्ही हो।
आदि तुम्ही से, अंत तुम्ही से,
देवाधिदेव आदिदेव तुम्ही हो।
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Published by Madhukar Chaubey
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