बड़े हो गए उम्र से, बाल हो गए सफेद।
दिल तो तिल जैसे बडो, माने खुद को जेठ।।
सबको भला बुरा कहें, ज्ञान देत हैं पेल।
कोई जब आइना दिखाए, मुंह लेवे तब फेर।।
हम कहें सब साच हैं, हमको हक़ है सारा।
तुम छोटे, कुछ हक़ नहीं, जों है सब है म्हारा।।
जेठ हुए, सब हक़ मिले, उसका कोई ना अंत।
छोटे बस चुप चाप रहें, बड़ भले बोले अनंत।।

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